मुंबई/पुणे में बुधवार सुबह एक सिरफिरे बस चालक ने करीब एक घंटे तक व्यस्त पुणे-सोलापुर रोड पर कोहराम मचाया। महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम का अस्थायी चालक डिपो में खड़ी बस लेकर नो एंट्री वाले छोर से रोड पर चला गया और सामने आए हर वाहन को रौंदता चला गया। इस घटना में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 27 लोग जख्मी हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
घटना सुबह 8:15 की है। 30 वर्षीय चालक संतोष माने स्वारगेट बस डिपो में खड़ी एक बस को कब्जे में लेकर डिपो के प्रवेश द्वार से निकला और नो एंट्री दिशा में बस दौड़ाने लगा। गुलाबी सर्दी में उस समय कुछ लोग टहलने के लिए अपने घरों से बाहर निकले थे, तो बच्चे स्कूल जा रहे थे। विपरीत दिशा में पूरी गति से दौड़ रही बस को देख सभी हैरान और भयभीत थे। पैदल चल रहे लोगों ने भागकर फुटपाथ का सहारा लिया। लेकिन, सामने से आ रहे कई वाहन बस की चपेट में आ गए। माने ने करीब 25 किलोमीटर तक बस दौड़ाई और इस दौरान बीस वाहनों को टक्कर मारी।
राज्य परिवहन के क्षेत्रीय प्रबंधक [पुणे] राजेंद्र पाटिल ने बताया कि माने पिछले दस साल से राज्य परिवहन में नौकरी कर रहा था। वह मंगलवार शाम 7:30 बजे औरंगाबाद से बस लेकर लौटा था। बुधवार सुबह 11 बजे से उसकी ड्यूटी थी। लेकिन, ड्यूटी शुरू होने से चार घंटे पहले ही वह डिपो पहुंच गया और कुछ ही देर पहले खाली हुई सतारा-पुणे सेवन स्टार बस को लेकर बाहर निकल गया। सूत्रों का कहना है कि माने राज्य परिवहन के रेस्टहाउस में ही रहता है और पिछले छह माह से उसकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं थी। लेकिन, अपने कामकाज में उसने कभी इसका एहसास नहीं होने दिया।
पुणे ट्रैफिक पुलिस के अनुसार माने करीब एक घंटे तक अंधाधुंध बस दौड़ाता रहा। इस दौरान उसे रोकने के लिए पुलिस ने तमाम प्रयास किए, लेकिन उसने किसी भी संकेत पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक भी उसे रोक नहीं पाए। मजबूर होकर पुलिस ने गोली चलाकर बस के टायर पंक्चर कर दिए। बीएचईएल परिसर के पास बस के रुकते ही स्थानीय लोगों और पुलिस ने माने को धर दबोचा।
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